GIRL BUSINESS
"राजस्थान,,,मध्य प्रदेश,,हरियाणा,,ओर भी देश के कई राज्यों में आट-साटा नाम की एक, कुप्रथा है,,,,जिसमें लड़की देकर,,,लड़की ली जाती है,,मतलब अपनी लड़की को ब्याह कर,सामने वाले की लड़की से शादी करना,,इस कुप्रथा के कारण, हजारों लड़कियों का जीवन बर्बाद हो चुका है, वास्तविक घटनाओं पर आधारित, इस कहानी के नाम, पात्र, स्थान,,,काल्पनिक हैं "!
"खुशी एक खुश मिजाज, हंसमुख, मजाकिया, शरारती, होनहार लड़की है, 20 वर्ष की खुशी, जितनी समझदार है, उतनी ही खूबसूरत भी है, गांव की सारी लड़कियां उसकी खूबसूरती से जलती है, तो गांव के सारे लड़के, उसकी खूबसूरती पर मरते भी हैं,,,दो महीने पहले ही खुशी की शादी, पास के गांव में हुई है, वह शादी के बाद, दूसरी बार अपने मायके आई है, खुशी ने अपने शरारती अंदाज में घर का दरवाजा खोला और चुपके से घर में दाखिल हुई"!
"उसने सबसे पहले, कुर्सी पर बैठी, माला जप रही अपनी, मां का चश्मा, चुपके से उठाया, फिर वह टीवी देख रहे,अपने भाई के पीछे आई और उसकी बेसाकी चुराई, फिर वह बाथरूम में नहा रही, अपनी भाभी के पास आई और उसका टावल और दुपट्टा चुरा कर ले गयी और उन्हें एक बॉक्स में छुपाया और जैसे ही खुशी पलटी, तो उसके सामने एक भयानक चेहरा दिखा,,खुले बालों से ढका चेहरा, देखकर खुशी डर गई और जोर से चिल्लाई
"आआआआ,,,,,,,
खुशी की आवाज सुनकर, मां ने माला रखी और बेंच पर अपना चश्मा, टटोलने लगी, जब चश्मा नहीं मिला तो मां ने चिल्ला कर, अपने बेटे, हिम्मत को पुकारा
मां - हिम्मत,,, पीछे वाले कमरे में कोई,जोर से चिल्लाया है,जाकर देख"!
हिम्मत - ठीक है,,,मां,,,मैं भी देखता हूं, अरे,,,मेरी बेसाकी कहां गई"? (हिम्मत अपाहिज है, इस कारण वह, बिना बेसाकी के चल नहीं सकता है)
हिम्मत ने इधर-उधर देखा पर उसे बेसाकी नहीं मिली, इसलिए उसने चिल्लाकर, अपनी पत्नी से कहा
हिम्मत - सीमा,,,मेरी बेसाकी नहीं मिल रही है, ढूंढ कर ला दो"!
सीमा - में नहा रही हूं, अरे,,,मेरा टॉवल और दुपट्टा कहां गया"?
तभी खुशी के पिता और गांव के सरपंच, भैरव लाल घर में आते हैं, भैरव लाल एक गुस्सैल और गंभीर स्वभाव का व्यक्ति है, जिसे सब पर अपनी, मनमानी चलाना पसंद है, भैरव लाल गुस्से से घर में आया और उसने ढूंढते हुए चिल्ला कर कहा
भेरवलाल -"खुशी,,,,,"खुशी"!
ममता - बेटी को ब्याहे, 2 महीने हो गए हैं पर आज भी खुशी-खुशी पुकारते हो, अरे,,,,अब उसे भूल जाओ, अब वह यहां नहीं रहती है"! खुशी की मां ने कहा
भेरवलाल"अरे,,,,वह यही है, समधी जी का फोन आया था, वह झगड़ा करके, वहां से भाग आई है"!
ममता - उसी ने मेरा चश्मा चुराया होगा"!
हिम्मत - वही मेरी बेसाकी ले गई होगी"!
सीमा - मेरा टॉवल और दुपट्टा भी वही ले गई होगी"!
परिवार के सभी लोग, खुशी के शरारती व्यवहार से परिचित है
नेक्स्ट सीन
खुशी अपनी मां का चश्मा पहनकर, दोनों बांह में भाई की बेसाकी, लटका कर और सीने पर भाभी का दुपट्टा डालकर,अपनी लाडली भतीजी को अपने कंधों पर लटका कर, गांव में घूम रही है, उसकी खुशी, उसकी स्वतंत्रता की गवाही दे रही है, जैसे वह अपने जीवन से बहुत खुश है और संतुष्टि भी है, उसे किसी से कोई शिकायत नहीं है
तभी उसे देखकर एक महिला ने कहा
महिला - तु आठ दिन पहले ही तो अपने खसम के घर गई थी, वापस आ गई, मैंने तेरे लक्षण देखकर,पहले ही समझ लिया था, तू नहीं निभा पाएगी आटा- साटा"!
खुशी - काकी,,,आटा-साटा बच्चों का खेल है और मैं बड़ी हो गई हूं"!
काकी - बेटी,,,आटा-साटा ऐसा पिंजरा है, जिसमें चिड़िया एक बार फस गयी, तो समझो मर गयी, फिर चिड़िया कितने भी पंख फड़फड़ाये, निकल नहीं पाती है"! काकी ने तर्क से इतराते हुए कहा
खुशी ने काकी की छोटी खींच कर भागते हुए कहा
खुशी - लो,,,काकी,,,,उड़ गई चिड़िया और मैं चिड़िया नहीं, हवा हूं,,,कहीं से भी निकल जाऊंगी"!
काकी - तू चिड़िया नहीं,,,चुड़ैल है"!
खुशी के कंधों पर लडटकी, उसकी 4 वर्षीय भतीजी ने खुशी से पूछा
भतीजी - भुआजी,,,,ये आटा-साटा क्या होता है"?
खुशी, भतीजी का प्रश्न सुनकर, उसके मुस्कुराते चेहरे पर गंभीर भाव आ जाते हैं और उसके, चलते-चलते कदम रुक जाते हैं, वह वहीं खड़ी, किसी गंभीर चिंता में खो जाती है, तभी उसकी भतीजी दोबारा पूछता है
भतीजी - भुआजी,,,,ये आटा-साटा क्या होता है"?
खुशी - आटा-साटा हमारी समाज में फैली, एक गंदी बीमारी है"!
भतीजी - जब मैं बड़ी हो जाऊंगी तब क्या, यह आटा-साटा की बीमारी, मुझे भी हो जाएगी"?
उस छोटी सी बच्ची के इस प्रश्न ने खुशी को भीतर तक, आहत कर दिया, उसने बच्ची को उतार कर, अपने सीने से लगा लिया,,खुशी की आंखें भर आई और उसने लड़खड़ाते शब्दों में जवाब दिया
"जब तक तेरी,,,भुआ जिंदा है,,,,तब तक तुझे, आटा-साटा के चक्रव्यूह में नहीं फसने देगी"!
भतीजी - और तुम्हारे जाने के बाद,,,मुझे कौन बचाएगा"?
इस सवाल का जवाब, खुशी के पास नहीं है, इसलिए वह उस बच्ची की को जकड़ कर, अपने सीने से लगाती है और रोने लगती है, तभी खुशी के पीछे से एक शराबी युवक ने कहा
शराबी - "खुशी, हो गई दुखी,,,मैंने कहा था, मेरे साथ भाग चल, अब रोना सारी जिंदगी, अपने पागल पति के साथ"!उस शराबी में ताना मारते कहा
खुशी - वो पागल जरूर है पर तेरी तरह, नशेड़ी तो नहीं है"!
शराबी - अरे,,,,तूने ही मुझे,,,नशेड़ी बनाया है, तेरे गम में पीता हूं शराब, लिवर किडनी कर लिए खराब, अब समझ नहीं आता, क्या करूं जनाब"?
खुशी - जहर खाकर, मर क्यों नहीं जाता"!
शराबी - जहर तो अपनी जेब में 24 घंटे, लेकर घूमता हूं पर खाने का मन नहीं करता,,,,सुना है नकली कंपनी का है, आधी जान ही लेता है"! उस शराबी युवक ने जहर निकाल कर, दिखाते हुए कहा
खुशी - मैं,,,खिला देती हूं तुझे,,,,ऐसे भी तो तु, आधा मर ही चुका है, आधा यह जहर खाकर मर जाएगा"! खुशी ने कहा
शराबी - तु, खुद ही, खाकर क्यों नहीं मर जाती, अब तो तू हो गई, धोबी की कुतिया, ना घर की, ना घाट की"!
Gunjan Kamal
14-Dec-2023 11:00 PM
👌👏
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Milind salve
14-Dec-2023 07:03 PM
Nice
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Varsha_Upadhyay
14-Dec-2023 06:13 PM
शानदार
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